Nidhi Saxena

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मेरा लक्ष्य

विषय : लक्ष्य

रूप : कविता

दूर तक जाना है , आसमान को छूना है ।
अपनी मंजिल को पाना है ,
लाख मुश्किल हो रास्ते में 
सभी मुश्किल को पार करना है ।।

माना लक्ष्य दूर है ,
लेकिन उसी के पास जाना है 
रोकते है हर कदम पर 
मुझे मेरे अपने 
बस उन्ही अपनों से
हाथ अपना छुड़ाना है 
क्योंकि दूर तक जाना है 
आसमान को छूना है ।।

ज़िंदगी की राह कठिन बहुत है 
बस उसी को आसान बनाना है 
रास्ते में पड़े कांटो को 
उखाड़ फेंकना है 
रास्ता साफ अपना करना है 
क्योंकि दूर तक जाना है 
और आसमान को छूना है ।।
                       नीर ( निधि सक्सैना)

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5 Comments

Gunjan Kamal

21-Dec-2022 09:56 AM

बहुत सुंदर

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Punam verma

21-Dec-2022 09:24 AM

Very nice

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Abhinav ji

21-Dec-2022 07:43 AM

Very nice👍👍

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